SHIV CHALISA LYRICS IN GUJARATI PDF - AN OVERVIEW

shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

shiv chalisa lyrics in gujarati pdf - An Overview

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भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे।।

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

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तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।

अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी website ॥ ॐ जय शिव…॥

पण्डित त्रयोदशी को लावे । ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

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